Description
यह किताब आम जन-मानस में पर्यावरण के प्रति चेतना जागृत करने एवं पर्यावरण शिक्षा के मूल को समझाने के भाव से लिखी गई लेखकों द्वारा विश्व इतिहास में हुई प्रकृति के प्रति बर्बरता और उससे हुए प्रदूषण तथा हरित अर्थव्यवस्था को नए सामाधान के रूप में दिखाया हैं, एवं विश्व और भारत के पर्यावरनीय कानूनों के चरणबद्ध विकास व उद्येश्य को भी किताब में देखा जा सकता हैं लेखकों द्वारा उन घटनाओं का भी उल्लेखन किया हैं जिसने पर्यावरण को झिंझोड़ कर रख दया और मानव के नीजी स्वार्थ को तो स्थान दिया और आल्पिक लाभ भी दिए पर पर्यावरण को हुई लम्बी हानि को भी जन्म दिया
Details
Author: |
Dhakar, Shubhang Dixit Kuldeep |
Publisher: |
Pencil |
Language: |
Hindi |
Copyright: |
2022 |
Number of Pages: |
158 |
Binding Type: |
Paperback |